Sooraj Ki Baahon Mein

सूरज की बाँहों में अब है ये ज़िंदगी
किरणें हैं साँसों में, बातों में रोशनी
सूरज की बाँहों में अब है ये ज़िंदगी
किरणें हैं साँसों में, बातों में रोशनी

जो भी बदली दिल की ताल है, आ-हा
यूँ ही आया एक ख़याल है, आ-हा

पाते हम हैं ज़िंदगी एक बार
क्यूँ ना करें खुलके हम इसको प्यार?
जाने किस का है हमें इंतज़ार
कि ज़िंदगी यही है, और यही

जो थी कल तक बस एक आरज़ू, आ-हा
वो ही पा गए हैं मैं और तू, आ-हा

थामे हम हाथों में यूँ ही हाथ
शहर-ए-दिल में घूमेंगे साथ-साथ
सारे-सारे दिन, सारी-सारी रात
बरस रही है इक ख़ुशी हर कहीं

सूरज की बाँहों में अब है ये ज़िंदगी
किरणें हैं साँसों में, बातों में रोशनी
सूरज की बाँहों में अब है ये ज़िंदगी
किरणें हैं साँसों में, बातों में रोशनी
नए-नए सपने जो बुन सके
उसी ज़िंदगी को कहो "ज़िंदगी"
नए-नए रस्ते जो चुन सके
उसी ज़िंदगी को कहो "ज़िंदगी"
पल-पल मचलती हो
झूम के चलती हो, वो है ज़िंदगी

सूरज की बाँहों में अब है ये ज़िंदगी
किरणें हैं साँसों में, बातों में रोशनी
सूरज की बाँहों में अब है ये ज़िंदगी
किरणें हैं साँसों में, बातों में रोशनी

पाते हम हैं ज़िंदगी एक बार
क्यूँ ना करें खुलके हम इसको प्यार?
जाने किस का है हमें इंतज़ार
कि ज़िंदगी यही है, और यही

सूरज की बाँहों में अब है ये ज़िंदगी
किरणें हैं साँसों में, बातों में रोशनी
सूरज की बाँहों में अब है ये ज़िंदगी
किरणें हैं साँसों में, बातों में रोशनी

सूरज की-, अब है ये...
किरणें हैं साँसों में, बातों में रोशनी



Credits
Writer(s): Javed Akhtar
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