Mehfuz

कहीं मत जा, ओ, मेरे यार
यहाँ महफ़ूज़ रहेगा तू
सजा बाहिर ग़मी बाज़ार
बड़ा अफ़सोस करेगा तू

ओ, मेरे कमरे की खिड़की को
ओ-ओ-ओ, तेरी आहट की आदत है
मेरे (मेरे) बिस्तर के कोने को
तेरी ज़ुल्फ़ों की हसरत है

है मुझसे भी कहीं ज़्यादा
ये मेरा घर तेरा क़ायल
इसे समझा, ओ, मेरे यार, हाँ

तू यूँ ना मत जा, ओ, मेरे यार
यहाँ महफ़ूज़ रहेगा तू
कहाँ ढूँढेगा ऐसा घर
जिसे फ़िरदौस कहेगा तू?

अरे, जाओ, जाना चाहो
मैं नहीं तुम्हें अब रोकूँगा
मुझको डर यही है, दुनिया ये बड़ी है
खो ना जाओ तुम कहीं
(खो ना जाओ तुम कहीं)

जाने क्यूँ ये मुझको (जाने क्यूँ मुझको)
ऐसा लग रहा है
मैं कुछ कहना चाह रहा हूँ
मेरी आवाज़ तुम तक ना पहुँच रही

ये थी जज़्बातों की बातें
खोना नहीं यादों में रातें
ये धुआँ ज़रा चाँदनी है
यहाँ लिबासों में बलाएँ

हैं हसरतों में रंगी ये राहें
और दूरियों पे सबकी निगाहें
जो ढूँढोगे लिहाफ़ों में रातों के
छिपे मिले सितम

जो मन हो तो चले आना
मैं घर फिर से सजा दूँगा
तेरी सारी पसंदीदा चीज़ें जँचा दूँगा



Credits
Writer(s): Gaurav Tiwari, Deepak Meena, Taresh Agarwal, Yash Verma
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