Kya Karenge?

'गर हम कभी कहीं मिलेंगे
एक-दूसरे से क्या कहेंगे?
'गर हम कभी कहीं मिलेंगे
एक-दूसरे से क्या कहेंगे?

हम रो पड़ेंगे या हँसेंगे?
या अजनबी बनके चलेंगे?
क्या लड़खड़ाएँगे क़दम ये?
या सीधे-सादे हम रहेंगे?

उस रात क्या घर जाएँगे हम?
या दोस्तों के संग रहेंगे?
ये बात एक क़िस्सा बनेगी
या सारे क़िस्से फिर खुलेंगे?

क्या फिर से जागेगी मोहब्बत?
या फ़ैसले वो ही रहेंगे?
तुमको लगा मिलकर के कैसा
क्या सोचते ये हम रहेंगे?

हम क्या करेंगे? (क्या करेंगे?)

तुम अब भी वैसी ही हसीं हो
क्या हम तुम्हें जवाँ लगेंगे?
तुम ज़ुल्फ़ अब भी बाँधती हो
हम हाथ फिर भी रोक लेंगे

मक़बूल तुम जो हो गई हो
क्या सब हमें शायर कहेंगे?
क्या शायरी क़ामिल ये होगी?
या फ़र्द हम मिसरा रहेंगे?

हम क्या करेंगे? (क्या करेंगे?)

और कैसा हो 'गर हम मिलें ही नहीं?
बातें तो हों, और हम कहें ही नहीं
और ऐसे में क्या होगा पास में कुछ यादों के सिवा?
और वो भी ना रही



Credits
Writer(s): Gaurav Tiwari, Taresh Agarwal, Bharat Pareek
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