Sapno Ka Mol

"सपनों का मोल क्या है?" कोई मुझसे पूछता है
मैं हूँ चुप खड़ा
कितना कुछ खो दिया है, तब जा के कुछ मिला है
मिला चाहे थोड़ा सा

मेरा सफ़र कोई समझा ही नहीं
अकेले ही रहा हूँ
अकेले ही चला हूँ हर घड़ी

"आँखों में क्या छुपा है? इस दिल ने क्या कहा है?"
कोई सुनता ही नहीं
की मैंने कोशिशें हैं तुझको भी रोकने की
तू रुकता ही नहीं

टूटा सही, पर दिल तो बाक़ी है
अभी बाक़ी है चलना ये रास्ता
कुछ देर से समझेंगे सब यहाँ
याद आएगा जो मैंने था कहा

कितनी शामें देखा खुद को टूटते हुए
कितनी रातें गुज़री, जिनके सूरज ना हुए
और कितने अरमाँ दिल के इस दिल में ही रहे
और कितने अपने राहों में ही मेहमाँ हुए

कल जो आओगे मेरे पास तुम
मैं मिलूँगा ऐसा ही
सुनाओगे क़िस्से मेरी मुलाक़ातों के
छुपाओगे जो कहा था कभी

शिकायतें थीं यक़ीनन मुझे
मैं ख़फ़ा हूँ अब नहीं
छोटी सी थी जो कहानी मेरी
दास्ताँ तुम कहोगे कभी

"सपनो का मोल क्या है?" बस वो ही जानता है
जिसे मंज़िल है मिली
आसानी से मिले, हैं जिसकी ख़्वाहिशें
ऐसी क़िस्मत ही नहीं

मेरा सफ़र कोई समझा ही नहीं
अकेले ही रहा हूँ
अकेले ही चला हूँ हर घड़ी



Credits
Writer(s): Gaurav Tiwari, Taresh Agarwal, Yash Verma, Sachin Singh
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