Yeh Duniya Agar Milbhi Jaye To

ये महलों, ये तख़्तों, ये ताज़ों की दुनिया
ये इन्सां के दुश्मन समाजों की दुनिया
ये महलों, ये तख़्तों, ये ताज़ों की दुनिया
ये इन्सां के दुश्मन समाजों की दुनिया

ये दौलत के भूखे रवाजों की दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

हर इक जिस्म घायल, हर इक रूह प्यासी
निगाहों में उलझन, दिलों में उदासी
ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

यहाँ एक खिलौना है इन्सां की हस्ती
ये बस्ती है मुर्दा-परस्तों की बस्ती
यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?



Credits
Writer(s): Ludiavani Sahir, S Burman
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