Kahin Door

कहीं दूर है छिपा
मेरे ख्वाबों का मकां
पानियों के तले
दम मेरा घुट रहा

मैं गाउँ, तो गाउँ क्या?
मैं सुनाऊँ, तो सुनाऊँ क्या?
मेरी आवाज़ है कहीं दूर
मैं लिखूं, तो बताऊँ क्या
मैं कहूँ, तो सुनाऊँ क्या?
मेरी हैं कहानियाँ बेनूर

कहीं दूर है वो जहाँ
उड़ती हैं जहाँ तितलियाँ
जहाँ ख्वाब देखें नयन
जहाँ गीत गाये ज़ुबाँ

मैं गाउँ, तो गाउँ क्या?
मैं सुनाऊँ, तो सुनाऊँ क्या?
मेरी आवाज है कहीं दूर
मैं लिखूं, तो बताऊँ क्या
मैं कहूँ, तो सुनाऊँ क्या?
मेरी हैं कहानियाँ बेनूर।

मेरी आवाज़ दूर
मेरे ख्वाब बेकसूर
यहाँ ख्वाब नामंज़ूर
आवाज़ नामंज़ूर
यहाँ ख्वाबों पे कर
फिर समाजों का डर
यहाँ ख्वाब नामंज़ूर
आवाज़ नामंज़ूर

मैं गाउँ, तो गाउँ क्या?
मैं सुनाऊँ, तो सुनाऊँ क्या?
मेरी आवाज़ है कहीं दूर
मैं लिखूं, तो बताऊँ क्या
मैं कहूँ, तो सुनाऊँ क्या?
मेरी हैं कहानियाँ बेनूर



Credits
Writer(s): Pranay Dwivedi
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