Yeh Kaisa Nasha

वह दिन भी, अब कैसा बीत जाए
जो पहले सताया करती थी कभी
वह नींद भी, अब कैसा मुझे आये
जिसे खोकर रोया करता था कभी

तेरे आने से भर जाती है धड़कने
मिल जाती है मंज़िलें मेरी
चाहत में तेरी, प्यार मिलता है दर्द में
पिघल जाता हूँ में शर्द में अभी

ख़ामोशी भर जाए
लव्ज़ों मिल जाए
बगियों में जो आये
यह कैसा नशा हुआ मुझे
तेरी बाहों में गिर जाए
तेरे नदियों में बह जाए
तेरे ख़्वाबों में दिन ढल जाए
समझाऊ कितना मैं तुझे

यह कैसा नशा हुआ मुझे
समझाऊ कितना मैं तुझे

वह दिन भी, अब कैसा बीत जाए
जो पहले सताया करती थी कभी
वह नींद भी, अब कैसा मुझे आये
जिसे खोकर रोया करता था कभी

चारों तरफ सिर्फ देखता हूँ तो मिलती है तू
इतना ही प्यार में हूँ मैं तेरे
हवाओं में मैं आजकल तुझे धुंधलु
वह अलग सी मीठी खुशबू तेरी

मेरी सासें लौट आये
जब तेरी बातें याद आये
वह यादें मुझे सताएं
यह कैसा जादू है तेरा
तेरी बाहों में गिर जाए
तेरे नदियों में बह जाए
तेरे ख़्वाबों में दिन ढल जाए
समझाऊ कितना मैं तुझे

यह कैसा नशा हुआ मुझे
समझाऊ कितना मैं तुझे

वह दिन भी, अब कैसा बीत जाए
जो पहले सताया करती थी कभी
वह नींद भी, अब कैसा मुझे आये
जिसे खोकर रोया करता था कभी

यह कैसा नशा हुआ मुझे



Credits
Writer(s): Manish Das, Swayam Majumder
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