Saazish

यह मंज़िल मेरी, खुशाल क्यों नहीं
हर कोण में है दर्द, सब झूठ है सही

मैं पास हूँ तेरे, पर छू नहीं सकते
हकीकत तू, या सपना है
मुझे सब है मिला, पर लब से तू जुदाह
तू है तोह यह, शराबी दिल भी है

बात अधूरी रह गयी, रह गया अकेला दिल
प्यार का यह कैसा निर्णय, किस साज़िश में हूँ शामिल
तू आ भी जा ना मेरे पास, तोड़ दे हर दिल के राज़
तू आ भी जा अब आ भी जा, यूँ ना तू मुझे सता

आ भी जा
आ भी जा

खो गया हूँ अब, कही गहराई में
उठने का ना ताकत है मुझमे
ख़्वाबों में, मेरे कोनो में
तू रहती है पर दिखती नहीं
मुझे सब है मिला, पर लब से तू जुदाह
तू है तोह यह, शराबी दिल भी है

बात अधूरी रह गयी, रह गया अकेला दिल
प्यार का यह कैसा निर्णय, किस साज़िश में हूँ शामिल
तू आ भी जा ना मेरे पास, तोड़ दे हर दिल के राज़
तू आ भी जा अब आ भी जा, यूँ ना तू मुझे सता

आ भी जा
आ भी जा

आ भी जा
आ भी जा

आ भी जा
आ भी जा



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