Jane Kis Mod Pe

जुड़े हैं राम-सीता संग ही सदा
क्यूँ आज हो गए जुदा?

जाने किस मोड़ पे ले आई ज़िंदगी
जहाँ हम-साया भी नहीं
ऐसे ही ख़ुद को दे रहा हूँ तसल्ली
कहीं से वो आ ही जाएगी

प्यारा फूल मेरा मुरझा के खो गया कहाँ?
ऐसी आग उठी कि सब कुछ हो गया धुआँ
लगी हो जैसे ख़ुशियों को नज़र

जुड़े हैं राम-सीता संग ही सदा
क्यूँ आज हो गए जुदा?
हैं दूरियाँ, तो होगी मजबूरियाँ
क्यूँ हर ख़बर है गुमशुदा?

नफ़रत के असर में
क़िस्मत के सफ़र में यादें जान लेती हैं

मैं लुट गया प्यार में, मगर पता ना चला
रेशम की है डोर, जिससे कट गया है गला
लबों पे फिर भी नहीं है बददुआ



Credits
Writer(s): Vishal Chandrashekhar, Mandar Shashikant Cholkar
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