Dhindhora Baje Re

(মা ভবতারিণী)
(দুর্গতিহারিনী)
(দশপ্রহরণধারিণী)

हर बंदिश से छूट के
बस इश्क़ करेंगे टूट के
अब रोक सके तो रोक ले, दुनिया

अरे, इश्क़ किया तो शर्म क्या?
अजी, इश्क़ से बढ़ के कर्म क्या?
अब टोक सके तो टोक ले, दुनिया

हम दोनों बेमिसाल, सज-धज के कमाल
बाँहें डाले हुए बाँहों में जो नाचें

ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे

उलझ के यहाँ सुलझते नहीं दिलों के माँझे रे

ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे

Uh-huh
Uh-huh
Uh-huh
Uh-huh

धिन-धिन, त-न-न-न, धिनक-धिनक-धिन
त-न-न-न, त-न-न-ना
धा, तिकट-धुम, तकिट-तकिट-धुम
धिन-धिन, तकिट, कतिक-तिनक-धा
धा-धा-ध-ध-धा (धा-धा-ध-ध-धा)
ति-ति-किट-धिन, ति-ति-किट-धिन, ति-ति-किट-धिन
दिन वो गुज़ारे गिनके सितारे
ये जिसके भी अंग लगे
दिन वो गुज़ारे गिनके सितारे
ये जिसके भी अंग लगे

चलना हवा पे जाने है इसको
हैं सुरख़ाब के पंख लगे
अरे, इसके सिंगार में इंद्रधनुष
के ही जितने हैं रंग लगे

हो, जो भी कहिए, हुज़ूर, ये शगुन का सिंदूर
ऐसे चंदा जैसे मुखड़े पे साजे

ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे

उलझ के यहाँ सुलझते नहीं दिलों के माँझे रे

ढिंढोरा बाजे रे (ढिंढोरा, ढिंढोरा)
ढिंढोरा बाजे रे (ढिंढोरा बाजे रे)

(মা ভবতারিণী)
(দুর্গতিহারিনী)
(দশপ্রহরণধারিণী)

(মা ভবতারিণী)
(দুর্গতিহারিনী)
(দশপ্রহরণধারিণী)

(अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते)
(गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते)
(जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते)
(दुर्गे, जय-जय दुर्गे)



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya, Chakraborty Pritaam
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