Kudmayi

(ਸਲਮਾ-ਸਿਤਾਰੋਂ ਵਾਲੀ ਸ਼ਗਨਾਂ ਦੀ ਸ਼ਬ ਆਈ ਰੇ)
(बन्नो से बन्ने की मिलने की जो रुत लाई रे)
(शहनाई यूँ गूँजी, सबकी आँखें भर आईं रे)
(शहनाई यूँ गूँजी, सबकी आँखें भर आईं रे)

हो, १६ बरस के दो क़दम चौखट के बाहर क्या गए
तेरी कुड़माई के दिन आ गए
हाय, बन्नो, परदेसिया के देस के चौबारे तुझको भा गए
तेरी कुड़माई के दिन आ गए

ले रहा सौ बलाएँ तेरी
माई-बाबुल का घर-बार है
हो, गेंदा-गुलाबों से सजी
डोली तेरी तैयार है

झूलों के मौसम वो तेरे
हमसे रोके भी रोके ना गए
तेरी कुड़माई के दिन आ गए
ਨੀ तेरी कुड़माई के दिन आ गए

"अलविदा" मुंडेरों को जब तू कह के जाएगी
रौनक़ हवेली की संग लेके जाएगी
कोयलें सुबह किस को नींद से जाएँगी?
धूप आँगने में अब से किस से मिलने आएगी?

खुल के कभी जो ना कहा
करते हम आज स्वीकार हैं
अपने भैया से कहना ना कभी
हमको तुझसे ज़्यादा प्यार है

हाथों में चूड़े सज गए, तेरे गुड़िया-खिलौने कहाँ गए?
तेरी कुड़माई के दिन आ गए
हो, १६ बरस के दो क़दम चौखट के बाहर क्या गए
तेरी कुड़माई के दिन आ गए
ओ, तेरी कुड़माई के दिन आ गए

(ਸਲਮਾ-ਸਿਤਾਰੋਂ ਵਾਲੀ ਸ਼ਗਨਾਂ ਦੀ ਸ਼ਬ ਆਈ ਰੇ)
(बन्नो से बन्ने की मिलने की जो रुत लाई रे)
(शहनाई यूँ गूँजी, सबकी आँखें भर आईं रे)
(शहनाई यूँ गूँजी, सबकी आँखें भर आईं रे)



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link