Chal Musafir (From "Ganga Ki Saugand")

ना हो मायूस, टूटेंगी कभी ज़ुल्मों की ज़ंजीरें
उलट जाएँगी तदबीरें, बदल जाएँगी तक़दीरें

चल मुसाफ़िर, तेरी मंज़िल दूर है तो क्या हुआ?
चल मुसाफ़िर, तेरी मंज़िल दूर है तो क्या हुआ?
आज तेरा पाँव थक कर चूर है तो क्या हुआ?
चल मुसाफ़िर, चल...

ये धुआँ, ये धुँधली राहें, ये अँधेरों की घुटन
ये धुआँ, ये धुँधली राहें, ये अँधेरों की घुटन
इन अँधेरों से ही लिपटी है उजाले की किरण

वो किरण 'गर आज तक बेनूर है तो क्या हुआ?
चल मुसाफ़िर, चल...

ज़िंदगी से जो ना हारे वो सँवारे ज़िंदगी
ज़िंदगी से जो ना हारे वो सँवारे ज़िंदगी
ठोकरें खाकर ही बनता आदमी है आदमी

आज़माइश का यही दस्तूर है तो क्या हुआ?
चल मुसाफ़िर, चल...

तेरे माथे के पसीने में है गंगा की लहर
तेरे माथे के पसीने में है गंगा की लहर
तेरी महनत से ज़मीं पर स्वर्ग आएगा उतर

कर्मयोगी नाम से मज़दूर है तो क्या हुआ?
चल मुसाफ़िर, तेरी मंज़िल दूर है तो क्या हुआ?
आज तेरा पाँव थक कर चूर है तो क्या हुआ?
चल मुसाफ़िर, चल...



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Kalyanji Anandji
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