Main Hoon Hero Tera (Salman Khan Version)

आँखों के पन्नों पे
मैंने लिखा था सौ दफ़ा

लफ़्ज़ों में जो इश्क़ था
हुआ ना होठों से बयां
खुद से नाराज़ हूँ, क्यूं बे-आवाज़ हूँ
मेरी खामोशियाँ है सज़ा
दिल है ये सोचता, फिर भी नहीं पता
किस हक़ से कहूँ बता

के मैं हूँ हीरो तेरा

के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा
(मैं हूँ हीरो, हीरो तेरा)

राहों में भी, हर कदम, मैं तेरे साथ चला
हाथों में थे, ये हाथ मगर, फिर भी रहा फासला

सीने में है छुपे, एहसास प्यार के
बिन कहे तू सुन ले ज़रा
दिल है ये सोचता, फिर भी नहीं पता

किस हक़ से कहूँ बता
के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा

तेरी वज़ह, से है मिली, जीने की सब ख्वाहिशें

पा लूँ तेरे, दिल में जगह, है ये मेरी कोशिशें
मैं बस तेरा बनूँ, बिन तेरे ना रहूँ
मैंने तो माँगी है ये दुआ

दिल है ये सोचता, फिर भी नहीं पता
किस हक़ से कहूँ बता
के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा

के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा
के मैं हूँ हीरो तेरा



Credits
Writer(s): Amal Israr Mallik
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