Main Hindustani Hu (From "Hindustan Ki Kasam")

दुनिया के नक़्शे पर ना जाने कितने मुल्क उभरे
और वक़्त की रेत में दब कर फ़ना हो गए
मगर मैं आज भी ज़िंदा हूँ

मैं हिंदुस्तान हूँ

मेरी उम्र क्या जाने ज़माना, हो
मेरी उम्र क्या जाने ज़माना, क्या जाने ज़माना
इतिहास मेरा सदियों पुराना, क्या जाने ज़माना

ऋषियों का धर्म, सूफ़ियों का ईमान हूँ
ऋषियों का धर्म, सूफ़ियों का ईमान हूँ

मैं हिंदुस्तान हूँ
मैं हिंदुस्तान हूँ
मैं हिंदुस्तान हूँ
मैं हिंदुस्तान हूँ

(मैं हिंदुस्तान हूँ)
(मैं हिंदुस्तान हूँ)
(मैं हिंदुस्तान हूँ) देह सिवा बरु मोहि
(मैं हिंदुस्तान हूँ) इहै सुभ करमन ते कबहूं न टरों
न डरों अरि सो जब जाइ लरों (बुद्धं शरणं गच्छामि)
निसचै करि अपुनी जीत करों (संघं शरणं गच्छामि)
(धर्मं शरणं गच्छामि)

اَللہُ اَکَبْرَ
اَللہُ اَکَبْرَ

हिंदुस्तानियों का दिल हूँ, मैं जान हूँ
दुनिया ज़मीं है, मैं आसमान हूँ
रंग-रंग फूलों का मैं गुलिस्तान हूँ
रंग-रंग फूलों का मैं गुलिस्तान हूँ
गुलिस्तान हूँ, गुलिस्तान हूँ

(मैं हिंदुस्तान हूँ)
(मैं हिंदुस्तान हूँ)
(मैं हिंदुस्तान हूँ)
(मैं हिंदुस्तान हूँ)

लो, अब सुनो तुम, सुनो तुम
इस दिल के दुखड़े

आँसू बने मेरे गीतों के मुखड़े

तक़सीम का जब ख़ंजर चला था
मैं टूट कर हो गया टुकड़े-टुकड़े, टुकड़े-टुकड़े

अपने-बेगानों में मैं बँट गया हूँ
अपने-बेगानों में मैं बँट गया हूँ
ज़िंदा हूँ लेकिन मैं कट गया हूँ
ज़िंदा हूँ लेकिन मैं कट गया हूँ
अपने-बेगानों में मैं बँट गया हूँ

घायल हूँ, ज़ख़्मों से मैं लहू-लुहान हूँ
घायल हूँ, ज़ख़्मों से मैं लहू-लुहान हूँ

मैं हिंदुस्तान हूँ
मैं हिंदुस्तान हूँ
मैं हिंदुस्तान हूँ
मैं हिंदुस्तान हूँ

(वन्दे मातरम्)
(वन्दे मातरम्)
(वन्दे मातरम्)
(वन्दे मातरम्)

(वन्दे मातरम्)
(वन्दे मातरम्)
(वन्दे मातरम्)
(वन्दे मातरम्)

(वन्दे मातरम्)
(वन्दे मातरम्)
(वन्दे मातरम्)
(वन्दे मातरम्)



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Singh Sukhwindara
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