Kya Khabar Kya Pata - From "Saheb"

क्या ख़बर, क्या पता
क्या ख़ुशी है, ग़म है क्या

क्या ख़बर, क्या पता
क्या ख़ुशी है, ग़म है क्या
क्या ख़बर, क्या पता
क्या ख़ुशी है, ग़म है क्या

ले के आँसू जो हँसी दे
ग़म के बदले जो ख़ुशी दे
राज़ ये जाना उसी ने
ज़िंदगी, क्या है ज़िंदगी

क्या ख़बर, क्या पता
क्या ख़ुशी है, ग़म है क्या

कल की बातें भूल जा, गुज़री रातें भूल जा
ख़्वाब जो सच हो सकें ना, उनकी यादें भूल जा
कल की बातें भूल जा, गुज़री रातें भूल जा
ख़्वाब जो सच हो सकें ना, उनकी यादें भूल जा

जो ना हारे बेबसी से
ना करे शिकवा किसी से
राज़ ये जाना उसी ने
ज़िंदगी, क्या है ज़िंदगी

क्या ख़बर, क्या पता
क्या ख़ुशी है, ग़म है क्या

अपने दिल का दर्द ये उम्र-भर हँस कर पिए
जीना, उसका जीना है जो औरों की ख़ातिर जिए
अपने दिल का दर्द ये उम्र-भर हँस कर पिए
जीना, उसका जीना है जो औरों की ख़ातिर जिए

काम ले ज़िंदा-दिली से
यूँ ही खेले ज़िंदगी से
राज़ ये जाना उसी ने
ज़िंदगी, क्या है ज़िंदगी

क्या ख़बर, क्या पता
क्या ख़ुशी है, ग़म है क्या
क्या ख़बर, क्या पता
क्या ख़ुशी है, ग़म है क्या

ले के आँसू जो हँसी दे
ग़म के बदले जो ख़ुशी दे
राज़ ये जाना उसी ने
ज़िंदगी, क्या है ज़िंदगी

क्या ख़बर, क्या पता
क्या ख़ुशी है, ग़म है क्या



Credits
Writer(s): Bappi Lahiri
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