Sooni Sooni Thi Fiza

सूनी-सूनी थी फ़िज़ा
मैंने यूँ ही उसके बालों में गुँधी
ख़ामोशियों को छू लिया, छू लिया
सूनी-सूनी थी फ़िज़ा

वो मुड़ी, थोड़ा हँसी, मैं भी हँसा
वो मुड़ी, थोड़ा हँसी, मैं भी हँसा
फिर हमारे साथ नदियाँ-वादियाँ
कोहसार, बादल, फूल, कोंपल, शहर, जंगल
सब के सब हँसने लगे, सब के सब हँसने लगे

सूनी-सूनी थी फ़िज़ा

एक मोहल्ले में
किसी घर के किसी कोने की छोटी सी हँसी ने
एक मोहल्ले में
किसी घर के किसी कोने की छोटी सी हँसी ने

दूर तक फैली हुई
दुनिया को रोशन कर दिया है
ज़िंदगी में ज़िंदगी का
रंग फिर से भर दिया है
भर दिया है, भर दिया है

सूनी-सूनी थी फ़िज़ा
मैंने यूँ ही उसके बालों में गुँधी
ख़ामोशियों को छू लिया, छू लिया
सूनी-सूनी थी फ़िज़ा



Credits
Writer(s): Nida Fazli, Pankaj Udhas
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