Nai Nai Aankhen Hon To

नई-नई आँखें हों तो, हर मंज़र अच्छा लगता है

नई-नई आँखें हों तो, हर मंज़र अच्छा लगता है
कुछ दिन शहर में घूमे...
कुछ दिन शहर में घूमे, लेकिन अब घर अच्छा लगता है
नई-नई आँखें हों तो, हर मंज़र अच्छा लगता है

मिलने-जुलने वालों में तो सब ही अपने जैसे हैं
मिलने-जुलने वालों में तो सब ही अपने जैसे हैं
जिस से अब तक मिले नहीं वो अक्सर अच्छा लगता है
जिस से अब तक मिले नहीं वो अक्सर अच्छा लगता है

कुछ दिन शहर में घूमे, लेकिन अब घर अच्छा लगता है
नई-नई आँखें हों तो, हर मंज़र अच्छा लगता है

मेरे आँगन में आए या तेरे सर पर चोट लगे
मेरे आँगन में आए या तेरे सर पर चोट लगे
मेरे आँगन में आए या तेरे सर पर चोट लगे
सन्नाटों में बोलने वाला पत्थर अच्छा लगता है
सन्नाटों में बोलने वाला पत्थर अच्छा लगता है

कुछ दिन शहर में घूमे, लेकिन अब घर अच्छा लगता है
नई-नई आँखें हों तो, हर मंज़र अच्छा लगता है

हम ने भी सो कर देखा है नए-पुराने शहरों में
हम ने भी सो कर देखा है नए-पुराने शहरों में
जैसा भी है अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है
जैसा भी है अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है

कुछ दिन शहर में घूमे...
कुछ दिन शहर में घूमे, लेकिन अब घर अच्छा लगता है
नई-नई आँखें हों तो, हर मंज़र अच्छा लगता है



Credits
Writer(s): Nida Fazli, Pankaj Udhas
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