Sab'r De Ya Mere Zakhmon Ko

सब्र दे या मेरे ज़ख़्मों को मसीहा दे-दे
सब्र दे या मेरे ज़ख़्मों को मसीहा दे-दे
वर्ना फिर मुझको तड़पने का सलीक़ा दे-दे
सब्र दे या मेरे ज़ख़्मों को...

थक के बे-नूर हुईं ढूँढने वाली आँखें
थक के बे-नूर हुईं ढूँढने वाली आँखें
थक के बे-नूर हुईं ढूँढने वाली आँखें

अब, इलाही, मेरे पैरों में उजाला दे-दे
सब्र दे या मेरे ज़ख़्मों को...

उम्र-भर जिसने कड़ी धूप में राहत दी है
उम्र-भर जिसने कड़ी धूप में राहत दी है

उस सुलगती हुई दीवार को साया दे-दे
वर्ना फिर मुझको तड़पने का सलीक़ा दे-दे
सब्र दे या मेरे ज़ख़्मों को...

आरज़ू है कि किसी आँख में आँसू ना रहें
आरज़ू है कि किसी आँख में आँसू ना रहें
आरज़ू है कि किसी आँख में आँसू ना रहें

मेरे हाथों में कोई ऐसा खिलौना दे-दे
वर्ना फिर मुझको तड़पने का सलीक़ा दे-दे
सब्र दे या मेरे ज़ख़्मों को मसीहा दे-दे
सब्र दे या मेरे ज़ख़्मों को...



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas
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