Na Ghar Baar Na Koi Thikana

मैंने हर ग़म, ख़ुशी में ढाला है
मैंने हर ग़म, ख़ुशी में ढाला है
मेरा हर एक चलन निराला है
लोग जिन हादसों में मरते हैं
मुझको उन हादसों ने पाला है

ना घर-बार, ना कोई ठिकाना
ना घर-बार, ना कोई ठिकाना
ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है
ना घर-बार, ना कोई ठिकाना
ख़ाना-बदोश है...

अपना काम है चलते जाना
ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है

चाँद और सूरज साथी अपने सदियों-सदियों के
चाँद और सूरज साथी अपने सदियों-सदियों के
चाँद और सूरज साथी अपने सदियों-सदियों के

दोनो से...
दोनो से रिश्ता है पुराना

ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है

रंग बदलते मौसम जैसी अपनी हस्ती है
रंग बदलते मौसम जैसी अपनी हस्ती है
रंग बदलते मौसम जैसी अपनी हस्ती है

बारिश धूप से...
बारिश धूप से क्या घबराना

ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है

अपना काम है चलते जाना
ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है
ना घर-बार, ना कोई ठिकाना
ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है

अपने लिए हैं दोनो बराबर, ऐ दुनिया वालों
अपने लिए हैं दोनो बराबर, ऐ दुनिया वालों
अपने लिए हैं दोनो बराबर, ऐ दुनिया वालों

क्या बुतख़ाना...
क्या बुतख़ाना, क्या मयख़ाना

ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है

अपना काम है चलते जाना
ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है
ना घर-बार, ना कोई ठिकाना
ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है

ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है
ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है
ख़ाना-बदोश है, ख़ाना-बदोश है



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas, Saeed Rahi
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