Pyar Ka Farz Nibhane Ke Liye

प्यार का फ़र्ज़ निभाने के लिए आए हैं
आख़िरी गीत सुनाने के लिए आए हैं
आख़िरी गीत सुनाने के लिए आए हैं

प्यार का फ़र्ज़ निभाने के लिए आए हैं
आख़िरी गीत सुनाने के लिए आए हैं
आख़िरी गीत सुनाने के लिए आए हैं

शम्मा जो हमने जलाई कभी पलकों के तले
शम्मा जो हमने जलाई कभी पलकों के तले
कैसे वो जाके किसी और की महफ़िल में जले?

हम उसे दिल में जलाने के लिए आए हैं
आख़िरी गीत सुनाने के लिए आए हैं

वो तेरी माँग जिसे प्यार से चूमा है कभी
वो तेरी माँग जिसे प्यार से चूमा है कभी
अपनी चाहत की मोहर जिस पे लगाए हैं कई

हम वही माँग सजाने के लिए आए हैं
आख़िरी गीत सुनाने के लिए आए हैं

जान जाती है हमारी तो चली जाए, मगर
हमको मंज़ूर नहीं है, ये किसी क़ीमत पर
कारवाँ प्यार का उस मोड़ पे लूटा जाए
ख़त्म होता हो जहाँ प्यार की मंज़िल का सफ़र

तुझको सीने से लगाने के लिए आए हैं
तुझको सीने से लगाने के लिए आए हैं
आख़िरी गीत...
आख़िरी गीत सुनाने के लिए आए हैं



Credits
Writer(s): Laxmikant-pyarelal, S.h. Bihari
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