Kal Hamare Ghar Teri Barat Ayegee

कल हमारे घर तेरी बारात आएगी
कल हमारे घर तेरी बारात आएगी
और क्या-क्या होगा...
और क्या-क्या होगा जब वो रात आएगी?

कल हमारे घर तेरी बारात आएगी
कल हमारे घर तेरी बारात आएगी
और क्या-क्या होगा जब वो रात आएगी? हो

मैं घूँघट में शरमाऊँगी (मैं घूँघट तेरा उठाऊँगा)
मैं घूँघट में शरमाऊँगी (मैं घूँघट तेरा उठाऊँगा)
हाथों से मुखड़ा छुपा लूँगी (चेहरे से हाथ हटा दूँगा)
झुक जाएगी आँखें शरमाके (आँखों को चूमना चाहूँगा)
मैं पीछे हठती जाऊँगी (मैं आगे बढ़ता जाऊँगा)
मैं पीछे हठती जाऊँगी (मैं आगे बढ़ता जाऊँगा)

आगे बढ़ते-बढ़ते फिर वो बात आएगी
और क्या-क्या होगा जब वो रात आएगी?
कल हमारे घर तेरी बारात आएगी
कल हमारे घर तेरी बारात आएगी

वो बात बताओ क्या होगी (छीना-झपटी सी होगी)
ये छीना-झपटी कैसी है? (चूड़ियाँ खनके ऐसी है)
चूड़ी की खनक से क्या होगा? (अरमान हमारे मचलेंगे)
बढ़ जाएगी तेज़ी साँसों की (और प्यार का शोला भड़केगा)

फिर पतली कमरिया तेरी मेरे हाथ आएगी
कल हमारे घर तेरी बारात आएगी
और क्या-क्या होगा जब वो रात आएगी?

मैं हाथ छुड़ाकर भागूँगी (बंद होगा वो कमरा बाहर से)
मैं चिखूँगी, चिल्लाऊँगी (मैं आगे बढ़ूँगा तेरी तरफ़)
मैं कमरे की बिजली बुझा दूँगी (हाय, फिर तो मज़ा आ जाएगा)

बिजली बुझा के, खोल के खिड़की
दिखा के ठेंगा, कूद के ऐसी भागूँगी

ना तो फिर वो बात, ना वो रात आएगी
ना तो फिर वो बात, ना वो रात आएगी
ना तो फिर वो बात, ना वो रात आएगी
ना तो फिर वो बात, ना वो रात आएगी



Credits
Writer(s): Laxmikant Kudalkar, Sharma Pyarelal, Shamoul Huda Bihari
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