Ye Kehrahi Hai

ये कह रही है तुझे छू के आने वाली हवा
ये कह रही है तुझे छू के आने वाली हवा
उदास मैं ही नहीं, बेक़रार तू भी है
ये कह रही है तुझे छू के आने वाली हवा
उदास मैं ही नहीं, बेक़रार तू भी है
ये कह रही है तुझे छू के आने वाली हवा

उदासियों में कहीं तू ना ये समझ लेना
कि तेरे प्यार को मायूस कर रहा हूँ मैं
वो आस जो तेरी आँखों में जगमगाई थी
अब उसको दूर से महसूस कर रहा हूँ मैं
बताऊँ कैसे, मुझे तेरी आरज़ू भी है
ये कह रही है तुझे छू के आने वाली हवा

सदा रहेंगे ना हम पर ये दूरियों के सितम
तराने प्यार के हम गाएँगे कभी ना कभी
सदाएँ देंगी हमें जब वफ़ाओं की मंज़िल
ये फ़ासले भी सिमट जाएँगे कभी ना कभी
हमें तो खोई बहारों की जुस्तजू भी है
ये कह रही है तुझे छू के आने वाली हवा

अभी तो हमसे ये हालात का तक़ाज़ा है
कि दूर रह के भी हम प्यार को निभाते रहें
शिकन ना आए कभी ज़िंदगी के माथे पर
जिगर पे चोट लगे और मुसकुराते रहें
किसी में अपनी मोहब्बत की आबरू ही है

ये कह रही है तुझे छू के आने वाली हवा
उदास मैं ही नहीं, बेक़रार तू भी है
ये कह रही है तुझे छू के आने वाली हवा
ये कह रही है तुझे छू के आने वाली हवा



Credits
Writer(s): Talat Aziz, Qateel Shifai
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