Chhaye Hai Un Reshmi

छाए हैं उन रेशमी ज़ुल्फ़ों के बादल मेरे सामने
छाए हैं उन रेशमी ज़ुल्फ़ों के बादल मेरे सामने
एक ग़ज़ल है मेरी ज़बाँ पर, एक ग़ज़ल मेरे सामने
छाए हैं उन रेशमी ज़ुल्फ़ों के बादल मेरे सामने

दिल में खनकता प्यार भी है और जज़्बों की झंकार भी है
दिल में खनकता प्यार भी है और जज़्बों की झंकार भी है
नाच रहा है आज की शाम का इक-इक पल मेरे सामने
नाच रहा है आज की शाम का इक-इक पल मेरे सामने

एक ग़ज़ल है मेरी ज़बाँ पर, एक ग़ज़ल मेरे सामने
छाए हैं उन रेशमी ज़ुल्फ़ों के बादल मेरे सामने

लाख छुपाए आँचल में वो अपनी धड़कती चाहत को
लाख छुपाए आँचल में वो अपनी धड़कती चाहत को
मचेगी अब तो उसके दिल में भी हलचल मेरे सामने
मचेगी अब तो उसके दिल में भी हलचल मेरे सामने

एक ग़ज़ल है मेरी ज़बाँ पर, एक ग़ज़ल मेरे सामने
छाए हैं उन रेशमी ज़ुल्फ़ों के बादल मेरे सामने

दूध में जैसे नहाकर निकला मर-मर जैसा बदन उसका
दूध में जैसे नहाकर निकला मर-मर जैसा बदन उसका
कुदरत ने तामीर किया एक ताजमहल मेरे सामने
कुदरत ने तामीर किया एक ताजमहल मेरे सामने

एक ग़ज़ल है मेरी ज़बाँ पर, एक ग़ज़ल मेरे सामने
छाए हैं उन रेशमी ज़ुल्फ़ों के बादल मेरे सामने



Credits
Writer(s): Talat Aziz, Qateel Shifai
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link