Kitne Mausam Kitne Sawan - From "Ghar Ghar Ki Kahani"

कितने मौसम, कितने सावन, कितने सावन बीत गए
तुम हो वही या और कोई? तुम लगने लगे नए
कितनी धड़कन, कितने यौवन, कितने यौवन बीत गए
हर पल मिलना ऐसे ही तुम, जैसे आज मिले
कितने मौसम, कितने सावन, कितने सावन बीत गए

धड़कन है जितनी दिल में तेरे ही संग गुज़ारूँ
खोलूँ मैं जब भी आँखें, तेरी सूरत निहारूँ
धड़कन है जितनी दिल में तेरे ही संग गुज़ारूँ
खोलूँ मैं जब भी आँखें, तेरी सूरत निहारूँ

ले-ले कर तेरा नाम, सजन, मेरी हर साँस चले
कितने मौसम, कितने सावन, कितने सावन बीत गए
हर पल मिलना ऐसे ही तुम, जैसे आज मिले
कितनी धड़कन, कितने यौवन, कितने यौवन बीत गए

तेरे बदन के मुक़ाबिल क्या गुल और क्या सितारे
कुछ भी नहीं तेरे आगे दुनिया के सारे नज़ारे
तेरे बदन के मुक़ाबिल क्या गुल और क्या सितारे
कुछ भी नहीं तेरे आगे दुनिया के सारे नज़ारे

जन्नत की हस्ती ही क्या, तेरा जो साथ मिले
कितनी धड़कन, कितने यौवन, कितने यौवन बीत गए
तुम हो वही या और कोई? तुम लगने लगे नए
कितने मौसम, कितने सावन, कितने सावन बीत गए
कितनी धड़कन, कितने यौवन, कितने यौवन बीत गए



Credits
Writer(s): Bappi Lahiri, Shyamlal Harlal Rai Indivar
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