Sardi Aayi

ठंड से ठिठुरती सर्दी आई
निकले कंबल और रजाई
नानी ने गरम चाय पिलाई
हाथ तापने को आग भी जलाई

सूरज दादा ने भी देर से ली अंगड़ाई
दिन तो उगा, पर धूप ना आई

School की bus फिर सपने में आई
आलस छोड़ा और नींद भगाई
लिया बस्ता और दौड़ लगाई
ठंड भी हम को रोक ना पाई

ठंड से ठिठुरती सर्दी आई
निकले कंबल और रजाई



Credits
Writer(s): Raj Jain, Rajesh Kumar Arya
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