Trimandir Main Dekhi

त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति
वो थी वर्तमान तिर्थंकर श्री स्वामी सीमंधर की
वो थी वर्तमान तिर्थंकर श्री स्वामी सीमंधर की
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति

आँखे चमके कान में कुंडल और मुकुट माथे पे
लगता था जैसे है हाज़िर अभी कुछ बोल पड़ेंगे
आँखे चमके कान में कुंडल और मुकुट माथे पे
लगता था जैसे है हाज़िर अभी कुछ बोल पड़ेंगे
सोचूँ सोचूँ कौन है ये कहाँ वे रहते होंगे
क्या मैं उनसे मिल पाऊँ कभी इस जन्म में
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति

दादा के माध्यम से पहुँची मेरे दिल की बातें
स्वामी सपने में आएँ और दादा भी हाज़िर थे
दादा के माध्यम से पहुँची मेरे दिल की बातें
स्वामी सपने में आएँ और दादा भी हाज़िर थे
ये है श्री सीमंधर स्वामी दादा ने बताया
भरत क्षेत्र के साथ है उनका रिश्ता बहुत पुराना
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति

दीक्षा लेकर निकल पड़े हैं जग कल्याण करने
कोटी देवी देवता है हाज़िर उनकी सेवा में
दीक्षा लेकर निकल पड़े हैं जग कल्याण करने
कोटी देवी देवता है हाज़िर उनकी सेवा में
माता सात्यकी पिता श्रेयांसजी नगरी पुंडरगीरी है
क्षेत्र महाविदेह में स्वामी केवलज्ञान सहित है
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति

दृष्टी मिली मन हो गया हल्का लग गया मुँह पर ताला
अब क्या बोलूँ आप ही जाने मुझ को मुझसे ज़्यादा
दृष्टि मिली मन हो गया हल्का लग गया मुँह पर ताला
अब क्या बोलूँ आप ही जाने मुझ को मुझसे ज़्यादा
स्वामी के नेत्र दर्शन से जो सुख मैंने पाया
भाव हुआ मुझको कि ये सुख पाए सारी दुनिया
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति
त्रिमंदिर में देखी सुंदर भव्य सी एक मूर्ति



Credits
Writer(s): Dada Bhagwan
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