Huye Judaa Kyun

(दूजा नहीं)
(दूजा नहीं कहीं)
(दूजा नहीं)
(दूजा नहीं कहीं)

क्यूँ आ गई ज़िंदगी?
ज़िंदगी यूँ मेरे सामने
जिसमें तू ही नहीं हो कहीं
मौत को हम लगे थामने

मैं था या तू थी? या दोनों थे वजह?
जाने हुआ क्यूँ, हुआ है ये बे-वजह

हुए जुदा क्यूँ
हुए ख़फ़ा क्यूँ
हुए जुदा क्यूँ
हुए ख़फ़ा क्यूँ

हुए जुदा

हुए जुदा

(दूजा नहीं)
(दूजा नहीं कहीं)
(दूजा नहीं)
(दूजा नहीं कहीं)

ख़ाली-ख़ाली ज़िंदगी थी, तुम आ गए
जैसे सर्दी की हो सुबह
एक-दूजे से अलग हम थे ज़रा से
जैसे धरती ये आसमाँ

मैं था या तू थी? या दोनों थे वजह?
जाने हुआ क्यूँ, हुआ है ये बे-वजह

हुए जुदा क्यूँ
हुए ख़फ़ा क्यूँ
हुए जुदा क्यूँ
हुए ख़फ़ा क्यूँ



Credits
Writer(s): Rajat Sharma, Jalaj Sharma
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