Andhe Khwabon Ko

अँधे ख़ाबों को...
ओ-ओ, अँधे ख़ाबों को उसूलों का तराज़ू दे-दे
अँधे ख़ाबों को उसूलों का तराज़ू दे-दे

मेरे मालिक...
मेरे मालिक, मुझे जज़्बात पे क़ाबू दे-दे
मेरे मालिक, मुझे जज़्बात पे क़ाबू दे-दे

अँधे ख़ाबों को उसूलों का तराज़ू दे-दे
अँधे ख़ाबों को...

मैं समंदर भी किसी ग़ैर के हाथों से ना लूँ
मैं समंदर भी किसी ग़ैर के हाथों से ना लूँ
एक क़तरा भी...
हो-हो, एक क़तरा भी समंदर है अगर तू दे-दे
एक क़तरा भी समंदर है अगर तू दे-दे

मेरे मालिक, मुझे जज़्बात पे क़ाबू दे-दे
अँधे ख़ाबों को उसूलों का तराज़ू दे-दे
अँधे ख़ाबों को...

सब के दुख-दर्द सिमट जाएँ मेरे सीने में
सब के दुख-दर्द सिमट जाएँ मेरे सीने में
बाँट दे सब को हँसी...
बाँट दे सब को हँसी, ला मुझे आँसू दे-दे
बाँट दे सब को हँसी, ला मुझे आँसू दे-दे

मेरे मालिक, मुझे जज़्बात पे क़ाबू दे-दे
अँधे ख़ाबों को...

बनके फूलों की महक मुझको जगाने आए
बनके फूलों की महक मुझको जगाने आए
सुबह की पहली...
हो-हो, सुबह की पहली किरण को कोई घुँगरू दे-दे
सुबह की पहली किरण को कोई घुँगरू दे-दे

मेरे मालिक, मुझे जज़्बात पे क़ाबू दे-दे
मेरे मालिक...
मेरे मालिक, मुझे जज़्बात पे क़ाबू दे-दे
अँधे ख़ाबों को उसूलों का तराज़ू दे-दे
अँधे ख़ाबों को...



Credits
Writer(s): Mayuresh Pai, Meraj Faizabadi
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