Kuchh Log

कुछ लोग जान कर भी, हमें जानते नहीं
कुछ लोग जान कर भी, हमें जानते नहीं
कितने बदल गए हैं कि पहचानते नहीं
कुछ लोग जान कर भी, हमें जानते नहीं

अच्छा कहे का आप बुरा मानने लगे
अच्छा कहे का आप बुरा मानने लगे
हम तो बुरा कहे का, बुरा मानते नहीं
हम तो बुरा कहे का, बुरा मानते नहीं

कितने बदल गए हैं कि पहचानते नहीं
कुछ लोग जान कर भी, हमें जानते नहीं

उसमें ज़रा कुलुस नहीं नाम को मगर
उसमें ज़रा कुलुस नहीं नाम को मगर
वो शक्स बेवफ़ा है ये हम मानते नहीं
वो शक्स बेवफ़ा है ये हम मानते नहीं

कितने बदल गए हैं कि पहचानते नहीं
कुछ लोग जान कर भी, हमें जानते नहीं

क्या ऐसे दोस्तों का भरोसा करें ज़फ़र
क्या ऐसे दोस्तों का भरोसा करें ज़फ़र
पहचान कर भी जो हमें पहचानते नहीं
पहचान कर भी जो हमें पहचानते नहीं

कितने बदल गए हैं कि पहचानते नहीं
कुछ लोग जान कर भी, हमें जानते नहीं
हमें जानते नहीं, हमें जानते नहीं



Credits
Writer(s): Talat Aziz, Zafar Kaleem
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