Aansoo Jab Palkon Se Bahkar Aate Hain

आँसू जब भी पलकों से बह कर आते हैं
क्या बतलाएँ, आप हमें कितना याद आते हैं

आँसू जब भी पलकों से बह कर आते हैं
क्या बतलाएँ, आप हमें कितना याद आते हैं
आज भी पत्थर बन कर खड़े हैं उसी मोड़ पर
तुमने जहाँ छोड़ा था, कह कर, "रुको, हम आते हैं"

याद है अब भी हमें तेरे बिछड़ने का समाँ
रुक गए थे एक पल को ये ज़मीन-ओ-आसमाँ
रास्तों से मिट ना पाएँ तेरे क़दमों के निशाँ

आज भी हम उन राहों पर पलकों को बिछाते हैं
क्या बतलाएँ, आप हमें कितना याद आते हैं

मेरी आँखों में नमी ज़ुल्फ़ों की बरसातों की है
मेरी साँसों में महक गुज़री हुईं रातों की है
मेरे होंठों पे ये चमक अब भी तेरी बातों की है

जितना उनको भुलाना चाहें और भी याद आते हैं
क्या बतलाएँ, आप हमें कितना याद आते हैं

तू नहीं तो क्या हुआ, परछाई तेरी मिल गई
दिल के वीराने में जैसे एक कली सी खिल गई
रास्ते की धूप जैसे चाँदनी में ढल गई

तेरे आँचल के साए बादल बन कर लहराते हैं
क्या बतलाएँ, आप हमें कितना याद आते हैं

आँसू जब भी पलकों से बह कर आते हैं
क्या बतलाएँ, आप हमें कितना याद आते हैं
आज भी पत्थर बन कर खड़े हैं उसी मोड़ पर
तुमने जहाँ छोड़ा था, कह कर, "रुको..."



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas, Mumtaj Rashid
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