Dhoop

आगोश में सबसे छूपी है
यह नज़रे कहीं जाके उसपे रुकी है
हाँ देखा है जबसे तो धरती रुकी है
अब होना जो होगा वो इस बेखुदी में

दिल मेरा ले गई वो चलती फ़िज़ा है
मेरी जिंदगी बीमारी वो निखरती दवा है
और मैं चलता मुसाफिर उसकी बाहों में पनहा है
अप्सरा है वो तभी तो सारी धरती फिदा है उसपे

आगे पीछे उसके business trips
अब वही बनी मेरा Business Bitch
वो मेरे साथ मेरा Business Hit
अब करने लगा उससे Business Pitch
लगी होने होने उससे लगन
उसके चारों ओर दुनिया भ्रमण
थोड़ा temper high मुझसे गरम
पर करती आके खुद से अमन
मुझको लगा था बस मैं ही हूँ
पर मुझसे भी ज्यादा वो बेशर्म
मेरी चाल-जाल का असर नहीं
छोडू बात करने की कसर नहीं
तुमसे भी ज्यादा वो खूबसूरत
पर इस बात का उसको घंमड़ नहीं
उसके आने जाने का सब्र नहीं
मैं चहता-चहता उसे खबर नहीं
वो रखती-रखती अपने काम से काम
दुनियादारी उसे पसंद नहीं
हाँ fast forward हम एक कमरे में
थामें हमने हाथों में हाथ
ये कैसे-कैसे ऐसा हो गया
सब बदल गया रातों ही रात
करीब आ गाए हम इतना ज़्यादा की
चक्ख चुके हैं होंठों का स्वाद
मैं सातवें आसमान पे चीखु
Dronark bro, she loves me back
हाँ तोड़ लाऊ मैं चाँद तारे
उसके लिए सारे के सारे
वो कहती मुझसे पागल हो तुम
अब बोलू क्या? क्या जाने बेचारे
और सुर में आ गए गानें हमारे
वो धूप जैसी मेरे आसमान में
वो धूप जैसी मेरे आसमान में
पंछी सारे अपने पंख फैला रहे

उड़ चली वो ले के ये दिल
चढ़ती सुबह जैसे हो धूप



Credits
Writer(s): Shashank Dwivedi
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