Maun

है मेरा मन दुखी
रह गई कुछ अनसुनी
बातें तुम्हारे मेरे बीच में
रिश्ता वो फूल है
जिसको वक्त दे के सीचते
शायद गलती है मेरी, या खुदगर्ज़ हो तुम
हर एक घाव की मर्ज़ हो तुम

क्या रहना चाहिए मौन, अपनी जुबान को सी कर
या कर दूं मैं बयान की क्या हो रहा मन के भीतर
कुछ हफ्तों से मैं घिस रहा जैसे पहिये जमीन पर
बिना खाके बिना सोके बिना जीकर, सिर्फ पीकर
इन गानों को ज्योतिष समझता, भविष्य दिखाए
ये ज़रिया है उस रास्ते का जो मेरे दिल को भाये
तभी लिखते है हर दिन, लिख के तुम सबको सुनाये
और ये सब इस उम्मीद में कल को चार पैसे आये
पर भूला मैं एक अहम बात शायद खो बैठा सुध
जब पाना होता हमें कुछ तो खोना पड़ता कुछ
क्योंकि रिश्ते है हवा, कभी भी बदलते रुख
मेरी हरकतें थी तुच्छ, तभी सोच इतनी उच्च
माँ-बाप के सिवा,कोई और है सगा नहीं
पर होते है कुछ ऐसे भी जो रहते है सदा वही
और मेरा भी कुछ ऐसे किस्सा, हुआ जो पता नहीं पर
पर टूटी माला फूलों की इतनी की अब बचा नहीं है कुछ
बिना आँसू हर पहर रो रहा हूँ
कश्ती स्थिर है पानी में लहर खो रहा हूँ
सुन सुन के ख्यालों को बेहर हो रहा हूँ
कर दिया आज़ाद क्योंकि मैं ज़हर बो रहा हूँ उसके भीतर

कहा हो तुम
हो नहीं यहाँ पे
मैं हूँ अकेला
तुम हो कहा पे

कभी मेरे पास आ, नहीं आना मेरे पास ना
भगा रहा है दिल, बुला रही है वासना
मिटा दूं मैं ये फासला, बढ़ा दूं या फिर फासला
तारों के बिना क्या खूबसूरत लगता आसमान
कहवात नहीं है ये सच है
चाहे जितनी भी हो दौलत,
हो जितनी भी रहीसी, हो चाहे जितनी शोहरत
सब उसका ही करम सब उसके ही बदौलत
हर आदमी के कामयाबी के पीछे एक औरत
फिलहाल के लिए हमारे रास्ते अलग है
मुझे माफ़ करना लेकिन ये दिमाग की सनक है
अब शायद नहीं मिलेंगे इस बात की भनक है
हम नर्क के निवासी, तुम्हारा सिंघासन फलक है



Credits
Writer(s): Shashank Dwivedi
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