Waqt Bewaqt

वक़्त बेवक़्त क्यों ख्यालों में मेरे आते हो तुम
मेरे कानों में रोज़ नए गीत कई गुनगुनाते हो तुम
तुम से ही होता हूँ रूबरू हर रोज़ ख्वाबों में क्यों
तुम से ही क्यों मिलने की हर घड़ी मैं ख्वाहिशे करूँ

बातों बातों में ही इतने करीब आ जाते हो तुम
मेरी साँसों मे रोज़ वही खुशबू कहीं छोड़ जाते हो तुम
तुम से ही मिलने के बहाने मैं खोजता क्यों रहूँ
तुम से ही क्यों दिल के सारे फ़साने मैं खुल के कहूँ

हो रहा है न जाने ऐसा क्यों
जहाँ भी जाता हूँ तुमसे मिलता हूँ
हो रहा है न जाने ऐसा क्यों
जहाँ भी जाता हूँ तुमसे मिलता हूँ

शामों सुबह हज़ारों दफा तुम्हें सोचा करूँ
फिर भी तुमसे जब मैं मिलूँ मुझे ऐसा लगे कुछ नए से हो तुम
तुमको तुमसे मिलाने की कोशिश मैं क्यूँ फिर करूँ
शायद तुम्ही तो हो इस दुनिया की सबसे हसीं शख्सियत



Credits
Writer(s): Ashish, Mohit
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