Aah Bhare Jivan Mein

आह-भरे जीवन में जब राह ना मिल पाती है
दिल का सवाल आते ही आग सी लग जाती है
आह-भरे जीवन में...

ऐसा सुहाना मौक़ा लौट नहीं आएगा
जीवन से बिछड़ा साथी चैन कहाँ पाएगा
जीवन से बिछड़ा साथी चैन कहाँ पाएगा

काश, मेरी चाहत की गली आज खुल जाए
जिसके लिए तड़पा हूँ प्यार वही मिल जाए
आह-भरे जीवन में...

कौन सहारा दे कर मुझे गले से लगाए
मतलब कि दुनिया है, कौन किसे समझाए
मतलब कि दुनिया है, कौन किसे समझाए

काश, यही बहकी दुनिया सही राह पर आए
जिससे मेरे आँगन में फिर से ख़ुशी लहराए
आह-भरे जीवन में जब राह ना मिल पाती है
दिल का सवाल आते ही आग सी लग जाती है
आह-भरे जीवन में...



Credits
Writer(s): J. K. Setpal, Arjan Daswani
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