Jahan Zindagi Ka

जहाँ ज़िंदगी का बसाने चला हूँ
वो रूठे हैं, उनको मनाने चला हूँ
वो रूठे हैं, उनको मनाने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसाने चला हूँ

मेरा हौसला देख ले तू भी, ज़ालिम
उठा कर भी ग़म मुस्कुराने चला हूँ
मेरा हौसला देख ले तू भी, ज़ालिम
उठा कर भी ग़म मुस्कुराने चला हूँ

वो रूठे हैं, उनको मनाने चला हूँ
वो रूठे हैं, उनको मनाने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसाने चला हूँ

हसीनों, वो गलियाँ भी तक जवाँ हैं
जहाँ मैं जवानी लुटाने चला हूँ
हसीनों, वो गलियाँ भी तक जवाँ हैं
जहाँ मैं जवानी लुटाने चला हूँ

वो रूठे हैं, उनको मनाने चला हूँ
वो रूठे हैं, उनको मनाने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसाने चला हूँ

उन्हें तो बुझाने की ज़िद हो गई है
मैं शम'-ए-मोहब्बत जलाने चला हूँ
उन्हें तो बुझाने की ज़िद हो गई है
मैं शम'-ए-मोहब्बत जलाने चला हूँ

वो रूठे हैं, उनको मनाने चला हूँ
वो रूठे हैं, उनको मनाने चला हूँ
जहाँ ज़िंदगी का बसाने चला हूँ



Credits
Writer(s): Arjan Daswani, Mahir Numani
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