Mat Aazmana

मत आज़माना किसी को
दिल बहलाने के लिए
उसे उम्र लग जायेगी
तुम्हें भुलाने के लिए

उसने वक़्त निकाला था
तुम्हारा वक़्त पाने के लिए
तुम्हारे पास वक़्त नहीं
उसे खैरियत बताने के लिए

वो मीलों चलकर आया था
दीद तुम्हारी पाने के लिए
तुम एक खत ना लिख सके
उस शख्स को मनाने के लिए

तुम एक झलक ना भेज सके
उस शख्स की ख्वाहिश पर
सैकड़ों तस्वीरे है तुम्हारी
दुनिया को दिखाने के लिए

वो विनती करता था खुदा से
बस तुम्हें पाने के लिए
अब सजदा करता है रब का
तुम्हें भूल जाने के लिए
तुम्हें भूल जाने के लिए



Credits
Writer(s): Nancy Pierce, Rohit 'katib'
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